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Narad Puran

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Titleनारद पुराण
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About PDF
महर्षि नारद जी भगवान विष्णु के परम भक्त रहे हैं। ब्रह्माजी के 17 मानस पुत्रों में से एक नारद मुनि को ज्ञान और बुद्धि के कारण सभी देवता, असुर और ऋषि इनका सम्मान करते थे। अपने ज्ञान के बल पर उन्होंने एक पुराण की रचना की, जिसे आज नारद पुराण के नाम से जाना जाता है। इस पुराण में उन्होंने बताया है कि कलियुग आने पर पाप इतना बढ़ जाएगा कि इस पृष्वी का संतुलन खराब हो जाएगा। नारद पुराण के विषय में कहा जाता है कि इसका श्रवण करने से पापी व्यक्ति भी पापमुक्त हो जाते हैं। पापियों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जो व्यक्ति ब्रह्महत्या का दोषी है, मदिरापान करता है, मांस भक्षण करता है, वेश्यागमन करता हे, तामसिक भोजन खाता है तथा चोरी करता है; वह पापी है। इस पुराण का प्रतिपाद्य विषय विष्णुभक्ति है। इस पुराण को हम पीडीऍफ़ में दे रहें है जरूर डाउनलोड कर पढ़िए !!
Languageहिंदी
Format PDF
Pages90


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